ट्रक संचालकों ने आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया
चण्डीगढ़: सरकार द्वारा टोल प्रणाली को समाप्त करने की मांग पूरी नहीं किए जाने पर पंजाब और हरियाणा के ट्रक संचालकों ने यहां रविवार को सोमवार से अपना आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया।
ट्रक संचालक अमरीक सिंह ने कहा, “कई वस्तुओं की किल्लत होने लगी है और हड़ताल का आने वाले समय में जन-जीवन पर और अधिक असर होगा। अभी तक सरकार ने हमारी मांग स्वीकार करने का कोई संकेत नहीं दिया है। हम सोमवार से अपना आंदोलन तेज करेंगे।”
हड़ताल की घोषणा अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने की है, जो 87 लाख ट्रकों और 20 बसों तथा टेंपुओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
हड़ताल रविवार को चौथे दिन भी जारी है।
हड़ताल के कारण फलों, सब्जियों तथा अन्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है।
हिसार में एक थोक सब्जी विक्रेता हरीश ने कहा, “गत चार दिनों में प्याज और टमाटर की कीमत 50 फीसदी बढ़ी है। नासिक और अन्य स्थानों से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है।”
चण्डीगढ़, पड़ोसी राज्यों, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के संचालकों ने रविवार को चेतावनी दी है कि समझौता नहीं होने की स्थिति में वे सोमवार को हिमाचल प्रदेश से सेब की आपूर्ति रोक देंगे।
सेब टूटने का मुख्य समय हालांकि बीत चुका है, लेकिन किन्नौर तथा अन्य ऊपरी इलाकों के सेब अभी भी चण्डीगढ़, दिल्ली और दूसरे स्थानों पर भेजे जा रहे हैं।
हड़ताल से हालांकि दूध, सब्जी और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को बाहर रखा गया है।
एआईएमटीसी टोल वसूली की व्यवस्था खत्म किए जाने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि टोल-नाके भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और जबरन वसूली का अड्डा हैं। टोल व्यवस्था से यातायात अवरुद्ध होता है और उससे समय और ईंधन की बर्बादी होती है। संघ नेताओं का यह भी कहना है कि वसूली की रकम सरकार को कम, नेताओं की जेब में ज्यादा जाती है।
सरकार ने हालांकि टोल वसूली खत्म करने से इनकार किया है।
संघ करों की एकमुश्त अदायगी और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) व्यवस्था को सरल बनाए जाने की भी मांग कर रहा है।
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