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चरित्र निर्माण के लिए कठोर बनते हैं शिक्षक

हैप्पी मॉडल स्कूल ऊधमपुर में शुक्रवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम किया गया। वाइस प्रिंसिपल डॉ. विक्रम गुलाटी की देखरेख में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मिनिष गुलाटी ने बतौर मुख्य मेहमान ने किया। सभी ने स्कूल के संस्थापक स्वर्गीय मेजर एमएल गुलाटी व स्वर्गीय कमल गुलाटी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद चार विभिन्न भागों में कार्यक्रम आयोजित हुआ। सबसे पहले पांचवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी ने शिक्षक बन कर अपने शिक्षकों की नकल उतारी व उनके द्वारा दी गई शिक्षा को दोहराया। इसके साथ ही कई कक्षाओं में शिक्षकों की नकल के दौरान खूब हास्य व्यंग हुआ और हंसी के फव्वारे छूटते रहे।

इसके बाद पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें विभिन्न गीतों पर उनके नृत्यों को सबने सराहा। तीसरे सत्र में 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री के संदेश को वेब टेलीकास्ट के माध्यम से देखा व सुना।

कार्यक्रम के चौथे व अंतिम सत्र में प्रो. सुनीता कौल ने सभी को राष्ट्रहित, अनुशासन के साथ बिना भेदभाव के बच्चों को पढ़ाकर देश को महान राष्ट्र बनाने का संकल्प दिलाया। वक्ताओं ने कहा कि कई बार शिक्षक विद्यार्थियों से सख्ती से पेश आते हैं, लेकिन इसका अर्थ नहीं कि वह उनसे प्रेम नहीं करते। चरित्र निर्माण के साथ विद्यार्थियों की कमियों व अवगुणों को दूर करने के लिए उनको कई बार कठोरता से पेश आना पड़ता है। इस अवसर पर शिक्षकों ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेलों व अन्य गतिविधियों व प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेना चाहिए। ऐसा सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन तीसरी कक्षा की छात्रा रुहानी व अंग्रेजी विषय की शिक्षक सोनिका ने किया। इस अवसर पर रेवा, अनिता छाबड़ा, पल्लवी गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।

हैप्पी मॉडल स्कूल ऊधमपुर में शुक्रवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम किया गया। वाइस प्रिंसिपल डॉ. विक्रम गुलाटी की देखरेख में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मिनिष गुलाटी ने बतौर मुख्य मेहमान ने किया। सभी ने स्कूल के संस्थापक स्वर्गीय मेजर एमएल गुलाटी व स्वर्गीय कमल गुलाटी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद चार विभिन्न भागों में कार्यक्रम आयोजित हुआ। सबसे पहले पांचवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी ने शिक्षक बन कर अपने शिक्षकों की नकल उतारी व उनके द्वारा दी गई शिक्षा को दोहराया। इसके साथ ही कई कक्षाओं में शिक्षकों की नकल के दौरान खूब हास्य व्यंग हुआ और हंसी के फव्वारे छूटते रहे।

इसके बाद पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें विभिन्न गीतों पर उनके नृत्यों को सबने सराहा। तीसरे सत्र में 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री के संदेश को वेब टेलीकास्ट के माध्यम से देखा व सुना।

कार्यक्रम के चौथे व अंतिम सत्र में प्रो. सुनीता कौल ने सभी को राष्ट्रहित, अनुशासन के साथ बिना भेदभाव के बच्चों को पढ़ाकर देश को महान राष्ट्र बनाने का संकल्प दिलाया। वक्ताओं ने कहा कि कई बार शिक्षक विद्यार्थियों से सख्ती से पेश आते हैं, लेकिन इसका अर्थ नहीं कि वह उनसे प्रेम नहीं करते। चरित्र निर्माण के साथ विद्यार्थियों की कमियों व अवगुणों को दूर करने के लिए उनको कई बार कठोरता से पेश आना पड़ता है। इस अवसर पर शिक्षकों ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेलों व अन्य गतिविधियों व प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेना चाहिए। ऐसा सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन तीसरी कक्षा की छात्रा रुहानी व अंग्रेजी विषय की शिक्षक सोनिका ने किया। इस अवसर पर रेवा, अनिता छाबड़ा, पल्लवी गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।

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