हजयात्रा में भगदड़: 25 साल में 2700 मरे
रियाद: हजयात्रा के दौरान हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है।
गुरुवार का हादसा इसकी एक कड़ी ही कहा जाएगा। बीते 25 साल पर नजर डालें तो पता चलता है कि हजयात्रा के दौरान भगदड़ों में 2700 से अधिक हजयात्रियों की मौत हुई है।
खलीज टाइम्स के मुताबिक 1990 से अभी तक हुए हादसों में कुल 2788 हजयात्रियों की मौत हुई है।
12 जनवरी 2006 को हज के आखिरी दिन मीना में हुई भगदड़ में 346 हजयात्री मारे गए थे।
1 फरवरी 2004 में शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 250 लोगों की मौत हो गई थी।
11 फरवरी 2003 को शैतान को कंकड़ मारने के इसी अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 15 लोगों की और 5 मार्च 2001 को 35 लोगों की मौत हो गई थी।
9 अप्रैल 1998 को जमारात पुल पर हुए हादसे में 118 हजयात्री मारे गए थे।
23 मई 1994 को शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 270 हजयात्रियों की मौत हो गई थी।
सबसे भयावह हादसा 2 जुलाई 1990 को हुआ था। इसमें मक्का से मीना और अराफात के मैदान तक जाने वाली राहगीरों की सुरंग में भगदड़ मचने से 1426 हजयात्रियों की मौत हो गई थी।
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