रामेश्वरम में कलाम स्मारक बनाएगी सरकार
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति की जन्मभूमि रामेश्वरम में उनकी स्मृतियों को ताजा रखने के लिए स्मारक बनाया जाएगा।
कलाम की जयंती पर हुए समारोह में मोदी ने कहा, “कलाम साहब की जन्मभूमि में सरकार ने जमीन ली है। इस पर उनकी याद में स्मारक बनाया जाएगा। हम चाहते हैं कि यह भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “राष्ट्रपति पद से हटने के फौरन बाद डॉक्टर कलाम चेन्नई चले गए और वहां अध्यापन शुरू कर दिया।”
मोदी ने कहा, “और, जरा उनके आखिरी लम्हों को देखिए। कहां रामेश्वरम, कहां दिल्ली और कहां पूर्वोत्तर..इस उम्र में इन सभी जगहों पर उनका जाना और छात्रों के साथ समय बिताना उनकी प्रतिबद्धताओं को दिखाता है।”
मोदी ने कहा कि कलाम भारत के मानव संसाधन को उन्नत और परिष्कृत करना चाहते थे।
मोदी ने कहा, “भारत को शक्तिशाली होना चाहिए, लेकिन सिर्फ हथियारों में नहीं। यह कलाम साहब की सोच नहीं थी। हथियार की शक्ति जरूरी है, और उन्होंने इसमें योगदान भी दिया लेकिन उनका मानना था कि एक राष्ट्र की पहचान सीमाओं से नहीं बल्कि उसके लोगों से होती है।”
मोदी ने कहा, “इसीलिए उन्होंने दोनों काम, रक्षा शोध और मानव संसाधन को उन्नत करने को अपने हाथ में लिया।”
प्रधानमंत्री ने यहां डीआरडीओ परिसर में कलाम की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ये बातें कहीं।
रामेश्वरम में पैदा हुए ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने भौतिकी और विमानन अभियांत्रिकी की पढ़ाई की थी। उन्होंने चार दशक तक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक की भूमिका निभाई। वह मुख्यत: डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े रहे। देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइलों को बनाने में उनका काफी योगदान रहा।
कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। वह 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति पद पर रहे। इसी साल 27 जुलाई को उनका निधन हो गया।
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