मोहब्बत की नई मिसाल है ‘तालीम ऐ ताज’
बुलंदशहर: सारी दुनिया में मोहब्बत की मिसाल से आगरा का ताजमहल भले ही जाना जाता हो । लेकिन उत्तर प्रदेश के ही बुलंदशहर में बनाये जाने वाले नया ताज नुमा मकबरा आने वाले समय में तालीम ऐ ताज के नाम से दुनिया भर में जाना जायेगा।
इस नए ताज को अपनी मरहूम बेगम की याद में बनाने वाले फैजुल कादरी साहेब के प्रयास को देखते हुए प्रदेश सरकार ने नए ताज के पास कन्या इंटर कालिज बनाने की घोषणा कर दी है। दुनिया में नया ताज मोहब्बत के साथ तालीम की मिसाल का अपने आप में अनूठा अजूबा तो होगा ही लेकिन इसके साथ – साथ यह दुनिया में नफरत फैलाने वालो को अमन का पैगाम भी देगा।
शहंशाह ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल में बनाकर सारे जहाँ में मोहब्ब्बत की मिसाल कायम की थी। आज भी दुनियाभर के लोग इस मिसाल को देखने के लिए आगरा पहुँचते है।
लेकिन बुलंदशहर जनपद के डिबाई तहसील के गांव कसेर कला के रहने वाले फैजुल कादरी ने अपनी मरहूम पत्नी की याद में गांव में ही ताजमहल के मकबरे जैसी ईमारत बनवाई है। यह ईमारत कादरी साहेब ने अपनी जमीन में अपने पैसे से बनवाई है।
कादरी साहेब कहते है की वह अपनी पत्नी से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। उन्होंने अपनी पत्नी से वादा किया था की यदि वो उनके इंतकाल से पहले जन्नत में गयी तो वह उनकी याद में ताजमहल जैसी ईमारत मकबरा बनवायेंगे। बस बेगम के इंतकाल के बाद कादिर साहेब को अपना वादा पूरा करने में लग गए।
गॉव के मजदूर- मिस्त्री से उन्होंने ये निर्माण करवाया। सारा खर्चा नए ताज बनवाने में कादरी साहेब ने स्वय किया।
सारे मामले को जिला अधिकारी बी चन्द्रकला ने स्वयं रुचि लेकर गहनता से जान और शासन के संज्ञान में माला आया तो सूबे के मुखिया ने कादरी साहेब को राजधानी में अपने आवास पर बुला कर सम्मानित किया और गांव को राममनोहर लोहिया में घोषित कर विकास कार्य करने की मुहीम शुरू करने के आदेश किये साथ ही नए ताज के पास कन्या अन्तर कालिज बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर बनाने के आदेश दिए।
आदेश आने पर जमीन का कार्य जिला प्रशासन ने पूरा कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जिस पर जल्द ही कालिज निर्माण के लिए बजट आने की सम्भावनाये है।
Rohit Sharma