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‘आधार कार्ड का 13000 करोड़ रुपये का ठेका बिना निविदा दे दिया’

मुंबई: सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली एक जानकारी के मुताबिक, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये की यूआईडीएआई की आधार कार्ड परियोजना का ठेका बिना निविदा जारी किए दे दिया था।

एक आरटीआई कार्यकर्ता ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।

आरटीआई कार्यकता अनिल गलगली ने आरटीआई के तहत यूआईडीएआई अधिकारियों, जन सूचना अधिकारी एस.एस.बिष्ट तथा उप निदेशक सह पीआईओ आर.हरीश से जानकारी मांगी थी, जिन्होंने परियोजना में व्यय की गई राशि से संबंधित सवालों का जवाब दिया। परियोजना के प्रमुख नंदन नीलेकनी थे।

जवाब में यूआईडीएआई अधिकारियों ने खुलासा किया कि परियोजना का ठेका कुल 13,663.22 करोड़ रुपये का था, जिसे बिना कोई निविदा निकाले ही ठेकेदारों को दे दिया गया। मई 2015 तक 90.3 करोड़ आधार कार्ड जारी करने में पहले ही 6,563 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। 

सूचना के मुताबिक, इस व्यापक परियोजना के लिए कुल 25 कंपनियों को विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई और उनका मनोनयन रिक्वेस्ट फॉर इंपैनेलमेंट 19 मई, 2014 के दिशा-निर्देशों के आधार पर किया गया।

गलगली ने आईएएनएस से कहा, “यह चौंकाने वाला है, क्योंकि सिविल सोसायटी समूहों व सर्वोच्च न्यायालय सहित लोगों के विभिन्न वर्गो ने निजता का अधिकार के बारे में गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि 125 करोड़ जनता के व्यक्तिगत आंकड़े निजी कंपनियों के हाथ जा रहे हैं।”

उन्होंने आधार कार्ड के ठेके प्रदान करने में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूआईडीएआई मामले में एक जांच का आदेश देने की अपील की।

साइबर कानून विशेषज्ञ सह शोधकर्ता हर्षित शाह ने कहा, “प्रत्येक भारतीय के फिंगर प्रिंट व आयरिस के संवेदनशील आंकड़े निजी कंपनियों के हाथ असुरक्षित हो सकते हैं।”

सूचना के मुताबिक, कुछ कंपनियों को एक से अधिक परियोजना का ठेका दिया गया जिनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, मैक एसोसिएट्स, विप्रो, एचसीएल, एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल इंफॉमेर्टिक्स सेंटर, साजेम मॉफरे सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड, एल1 आइडेंटिटी सॉल्यूशन, टॉटेम इंटरनेशनल लिमिटेड, लिंकवेल टेलीसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, सांई इंफोसिस्टम्स इंडिया लिमिटेड, जियोडेसिक लिमिटेड, आईडी सॉल्यूशंस, एनइआईएसजी, एसक्यूटीसी, टेलीसिमा कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

इसके अलावा एक ठेका लेने वालों में रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा कम्युनिकेशंस, एयरसेल, भारती एयरटेल, बीएसएनएल तथा रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।

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