भागलपुर: जातीय समीकरण जद-यू गठबंधन के पक्ष में
भागलपुर: भागलपुर की सात विधानसभा सीटों पर जातीय समीकरण महागठबंधन के पक्ष में है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जनता दल-युनाइटेड (जद-यू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस को जातीय समीकरण का फायदा मिलेगा।
महागठबंधन को हालांकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरह कम से कम पांच सीटों पर बागी नेताओं से खतरा है।
भाजपा ने जिले में चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। शेष में से दो पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और एक पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) चुनाव लड़ रही है।
महागठबंधन खेमे में जद-यू तीन सीटों पर और कांग्रेस तथा राजद दो-दो पर चुनाव लड़ रही है।
भाजपा को भागलपुर, कहलगांव और गोपालपुर में कद्दावर बागी उम्मीदवारों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, महागठबंधन के लिए यही स्थिति नाथनगर और सुल्तानगंज में है।
बिहपुर और पिरपैंती में दोनों गठबंधनों के बीच आमने-सामने का मुकाबला है।
भाजपा द्वारा बक्सर से सांसद अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत को भागलपुर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पार्टी के एक प्रमुख नेता स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतर आए हैं।
कांग्रेस ने वर्तमान विधायक अजित शर्मा को ही भागलपुर से प्रत्याशी बनाया है।
गोपालपुर से भाजपा के पूर्व विधायक अमित राणा ने बागी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कराया है, जबकि भाजपा ने अनिल यादव को उतारा है। राणा चारा घोटाले के अभियुक्त आर.के. राणा के पुत्र हैं। वे कुछ महीने पहले ही भाजपा से जुड़े थे। भाजपा से एक अन्य बागी सुरेश भगत भी मैदान में हैं।
इस सीट पर महा गठबंधन ने वर्तमान विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल को प्रत्याशी बनाया है।
कहलगांव में कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह, भाजपा के बागी पवन कुमार यादव और लोजपा प्रत्याशी नीरज कुमार मंडल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
नाथनगर में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी अबू कैसर जद-यू प्रत्याशी और वर्तमान विधायक अजय कुमार मंडल के मंसूबे पर पानी फेर सकते हैं। लोजपा ने इस सीट पर अमरनाथ प्रसाद उर्फ अमर सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है।
नाथनगर सीट से भाजपा नीत राजग को उम्मीद है, क्योंकि यादव और मुस्लिम वोट बंटने की संभावना है।
सुल्तानगंज में जदयू के वर्तमान विधायक सुबोध राय और रालोसपा के हिमांशु प्रसाद के बीच मुख्य मुकाबला है। इस सीट पर भाजपा के विजय मंडल और कांग्रेस के ललन यादव स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।
बिहपुर में भाजपा को जीत का पूरा भरोसा है। उसने वर्तमान विधायक कुमार शैलेंद्र को उतारा है। इस सीट पर वर्षा रानी राजद की उम्मीदवार हैं। वर्षा रानी भागलपुर के सांसद शैलेश कुमार ऊर्फ बुलो मंडल की पत्नी हैं।
पीरपैंती आरक्षित सीट है। इस सीट पर भाजपा और राजद के बीच सीधा मुकाबला होगा। भाजपा ने यहां से वर्तमान विधायक अमन पासवान को टिकट न दे कर ललन पासवान को उतारा है। वहीं राजद ने राम विलास पासवान (केंद्रीय मंत्री नहीं) को उतारा है।
भाजपा के एक प्रमुख नेता ने आईएएनएस से कहा, “हम बीहपुर में आसानी से जीत जाएंगे। नाथनगर और पीरपैंती में कड़ा मुकाबला होगा।”
उन्होंने हालांकि कहा, “भागलपुर में हम पर वंशवाद का आरोप लग रहा है। यही आरोप बिहपुर में राजद पर लग रहा है। लोग यह पसंद नहीं कर रहे हैं।”
नाथनगर में होमियोपैथी डॉक्टर तथा केबल ऑपरेटर अशोक कुमार ने आईएएनएस से कहा कि भागलपुर में बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी समस्याएं हैं।
उन्होंने महागठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा, “लेकिन मतदान आखिरकार जातीय आधार पर ही होगा, जो महागठबंधन के पक्ष में है।”
कुमार ने कहा, “यही सच्चाई है। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव का पारंपरिक वोट बैंक पिछड़ा और मुस्लिम भागलपुर में बहुमत में है। राजग को सिर्फ अगड़ी जाति से उम्मीद है।”
कहलगांव में एसएसवी कॉलेज के सुनील कुमार यादव ने आईएएनएस से कहा, “हम विकास चाहते हैं, लेकिन यादव, कुर्मी और मुस्लिम के बल पर महागठबंधन के लिए मुकाबला आसान हो गया है।”
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बूथ स्तर के प्रबंधन के लिए नवसारी के सांसद सीआर पाटील को भागलपुर भेजा है। भाजपा के यादव नेता के आवास पर पाटील के साथ 40 गुजराती नेता जमे हुए हैं। शाह ने पीरपैंती में कार्यकर्ताओं की एक बैठक ली है और भागलपुर में एक सभा को संबोधित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां भागलपुर में आम सभा की है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहलगांव में भी जनसभा को संबोधित किया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में जद-यू और भाजपा में गठबंधन था। तब भागलपुर में भाजपा ने दो और जद-यू ने तीन सीटें जीती थीं। दो सीटें कांग्रेस को मिली थीं।
ब्रजेंद्र नाथ सिंह