सुरक्षा परिषद सुधार के मुद्दे पर कई नेताओं से मिलीं सुषमा स्वराज
न्यूयार्क: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सुरक्षा परिषद में सुधार की भारत की मुहिम के तहत बुधवार को कई कैरेबियाई देशों और लातिन अमेरिकी देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। सुषमा 15 सदस्यीय कैरेबियन समुदाय (सीएआरआईसीओएम) में शामिल विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में शामिल हुईं।
इन मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद में सुधार के भारत के रुख, खासकर इसके विस्तार का समर्थन किया। विदेश मंत्रियों ने सुधार के लिए वार्ता प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की मांग का भी समर्थन किया।
सुषमा ने सुरक्षा परिषद में सुधार प्रक्रिया की अंतरसरकारीवार्ताओं के प्रमुख संयुक्त राष्ट्र में जमैका के राजदूत कोर्टने रात्तारे की भूमिका की सराहना की। रात्तारे के प्रयासों से ही सालों से रुकी सुरक्षा परिषद सुधार वार्ता फिर से शुरू हो सकी है।
बैठक में क्षमता निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करने के भारत के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
मंत्रियों ने कहा कि भारत और सीएआरआईसीओएम देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
सीएआरआईसीओएम क्षेत्र भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यहां भारतवंशियों की बड़ी संख्या बसती है।
सुषमा ने कम्युनिटी आफ लैटिन अमेरिकन और कैरेबियन स्टेट्स (सीईएलएसी) के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में भी हिस्सा लिया। इसमें भी सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन किया गया।
यह तय हुआ कि भारत और सीईएलएसी के विदेश मंत्रियों की हर साल बैठक की जाए।
सीईएलएसी में 33 देश शामिल हैं। भारत और सीईएलएसी के बीच व्यापार साल 2000 में महज 20 लाख डालर था। आज यह बढ़कर 4 करोड़ 60 लाख डालर हो गया है। दोनों के बीच व्यापार को और बढ़ाने पर सहमति बनी।
इस बीच, प्रशांत द्वीपीय देश नाऊरू के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दिए जाने का समर्थन किया।
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