हजयात्रा के दौरान हादसा, भारतीय महिला समेत 717 की मौत
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मक्का: सऊदी अरब में गुरुवार को मक्का के पास मीना में हज के दौरान भगदड़ मचने से 717 लोगों की मौत हो गई, जबकि 805 लोग घायल हो गए। मृतकों में एक भारतीय महिला भी शामिल है। घायलों में भी दो भारतीय शामिल हैं।
बीते 25 साल में हज के दौरान होने वाला यह सबसे बड़ा हादसा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई नेताओं ने हादसे पर गहरा शोक जताया है।
सऊदी अरब के नागरिक सुरक्षा निदेशालय के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर बताया गया है कि मृतकों की संख्या बढ़कर 717 हो गई है। इनमें अलग-अलग देशों के नागरिक शामिल हैं। 805 हजयात्री घायल हुए हैं।
सऊदी अरब के नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, हादसा मक्का से पांच किलोमीटर दूर मीना नाम की जगह पर हुआ है।
तेलंगाना राज्य हज समिति ने हैदराबाद में बताया कि मीना के हादसे में तेलंगाना की एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई है। उनकी पहचान बीबी जान के रूप में हुई है।
केरल के गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने मीडिया को बताया कि लक्षद्वीप का एक हजयात्री घायलों में शामिल है। उनकी पहचान नहीं हो सकी है।
हजयात्रा पर गए केरल कांग्रेस के नेता अबुबकर ने फोन पर संवाददाताओं को बताया कि हादसे में कुन्नूर की जमीला नाम की महिला भी घायल हुई हैं। लेकिन, उनकी चोट गंभीर नहीं है।
करीब 20 लाख लोग हज करने के लिए गए हैं। इनमें 136,020 भारतीय हैं। भारत सरकार ने कहा है कि जेद्दा स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास हालात पर नजर रखे हुए है।
बीते नौ साल में हज के दौरान भगदड़ की घटना नहीं हुई थी। इस साल हज यात्रा के दौरान यह दूसरा बड़ा हादसा है। 11 सितंबर को मक्का की मुख्य मस्जिद में क्रेन गिरने से 107 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 11 भारतीय शामिल थे।
अभी यह साफ नहीं हो सका है कि भगदड़ की वजह क्या थी? सऊदी अरब के अल अरबिया टीवी ने बताया है कि केंद्रीय हज समिति के प्रमुख खालिद अल फैसल ने कहा है कि भगदड़ की वजह ‘अफ्रीका के कुछ हजयात्री’ हैं।
लेकिन, ईरान के हज संगठन के प्रमुख सैद ओहादी ने समाचार एजेंसी इरना से कहा कि सऊदी अधिकारियों ने जमारात खंभे की तरफ जाने वाले दो रास्ते अचानक बंद कर दिए। इसकी वजह से हजयात्रियों का जमावड़ा लग गया।
गुरुवार के अनुष्ठान पांच मंजिला जमारात पुल पर हो रहे थे। एक अरब डालर से बनी इस जगह पर एक साथ तीन लाख लोग अनुष्ठान कर सकते हैं।
हादसे के चंद मिनट में ही सऊदी बचाव कर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए लेकिन इन्हीं चंद मिनटों में कई लोग मर चुके थे।
करीब 4,000 कर्मी और 200 आपात वाहन राहत और बचाव अभियान में लगाए गए।
सऊदी नागरिक सुरक्षा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गई तस्वीरों में बचावकर्मियों से घिरे जख्मियों को स्ट्रेचर पर देखा जा सकता है।
राहतकर्मियों को घायलों को व्हीलचेयर पर ले जाते देखा जा रहा है। हर तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही है।
हज के दौरान सबसे भीषण हादसा 1990 में हुआ था जब भगदड़ में 1,400 से ज्यादा हजयात्रियों की मौत हुई थी।
इस बारे में विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं कि गुरुवार का हादसा किस जगह पर हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, सऊदी नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने शुरू में बताया कि भगदड़ शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान हुई।
हजयात्री एक खंभे पर कंकड़ फेंकते हैं जिसे शैतान का प्रतीक माना जाता है।
लेकिन, अल जजीरा की रपट के अनुसार, हादसा मीना में हजयात्रियों के शिविरों के बीच की एक सड़क पर हुआ। इस सड़क को सड़क नंबर 204 कहा जाता है। रपट में साफ किया गया है कि हादसा शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान नहीं हुआ है।
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