आखिर आरएसएस को लेकर क्यों मचा बवाल: जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें
पटना: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर चल रही है।
भाजपा को आरएसएस की कठपुतली बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा देश में हिन्दुत्व को थोपना चाह रही है।
सीताराम येचुरी
* पहले की मनोमहन सिंह की सरकार पर आरोप था कि इस सरकार का रिमोट सोनिया गांधी के हाथ में है। लेकिन मौजूदा सरकार पूरी तरह आरएसएस के इषारे पर चल रही है।
* मोहन भागवत का ‘आरक्षण समीक्षा’ संबंधी बयान भाजपा और आरएसएस की सोची -समझी हुई रणनीति का ही एक हिस्सा है। आरएसएस प्रारंभ से ही आरक्षण विरोधी रही है।
* इस बयान के माध्यम से बिहार चुनाव में सवर्ण जातियों को लामबंद करने की कोशिश की जा रही है।
नीतीश कुमार
* मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के लिए आरएसएस सर्वोच्च न्यायालय की तरह है।
* आरएसएस प्रमुख अगर कोई बात कह दें तो वह अंतिम होता है। वह सर्वेसर्वा हैं। भाजपा के किसी भी मंत्री या नेता में इतनी हिम्मत नहीं कि वह उनकी बात काट दे।
* भागवत ने एक साक्षात्कार में जो बातें कही है, उसमें उनके विचार बहुत खतरनाक हैं। भागवत ने कहा है कि संसद नहीं एक समिति ही बताएगी कि किसको आरक्षण मिले और कब तक मिले। यह संविधान के इतर बात है।
* अगर संघ ने कुछ कह दिया तो भाजपा की मजाल है कि वह कुछ कर दे। भाजपा के कई मंत्री भी बार-बार कह चुके हैं कि उन्हें स्वयंसेवक होने पर नाज है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को पटना में एक निजी समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा आरक्षण विरोधी नहीं है और न ही वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में पुनर्विचार किए जाने की पक्षधर है।
SaraJhan News Desk