एच एस फुल्का ने आम आदमी पार्टी के पद छोड़े
नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सभी पदों से यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से विचार-विमर्श के बाद उन्होंने राजनीति छोड़कर 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।
फुल्का ने फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा, “केजरीवाल जी के साथ विस्तृत चर्चा के बाद और उनकी स्वीकृति से यह सामूहिक निर्णय लिया गया है कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ दूं और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दूं।”
फुल्का ने कहा कि यह कदम उन्हें पीड़ितों को न्याय दिलाने और सज्जन कुमार और जगदीश टाईटलर (कांग्रेस के नेता) जैसे गुनहगारों को सजा दिलाने में पूरा समय देने में मदद करेगा।
फुल्का ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने पर उन्हें गर्व महसूस हुआ, क्योंकि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां और पद दिए गए।
उन्होंने कहा है कि आप का अभिन्न अंग होने के साथ ही 1984 के मामले में भी मेरी प्रतिबद्धता नहीं बदलेगी।
आप प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने आईएएनएस से कहा, “फुल्का ने केवल पार्टी पदों से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं। वे हमेशा आप के सदस्य रहेंगे।”
फुल्का ने याद किया कि उन्होंने एक युवा वकील के रूप में 1984 के दंगा मामलों पर काम शुरू किया था।
फुल्का ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “बेहद दुखद है कि तीन दशक बीत जाने के बाद भी हम गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।”
फुल्का ने अपने फेसबुक पोस्ट में भारतीय प्रधानमंत्री, विश्व के नेताओं और संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों को यह संदेश देने के लिए कि ‘हम नवंबर 1984 में हुए नरसंहार को नहीं भुलाएंगे’ अमेरिका और कनाडा में रह रहे पंजाबियों समेत भारतीयों को 25 सितम्बर को भारी संख्या में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सभा में एकत्रित होने की अपील की है।
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