जीएसटी पर विशेष सत्र नहीं: जाने 8 प्रमुख बातें
नई दिल्ली: सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कराने के लिए विशेष सत्र बुलाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए बुधवार को मानसून सत्र का सत्रावसान करने का फैसला किया।
विधेयक पारित होने में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने इस पर कांग्रेस से बात की और पाया कि मख्य विपक्षी दल संसद की कार्यवाही बाधित करने के अपने रवैए को बदलना नहीं चाहता है।
कांग्रेस ने इसके तुरंत बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वित्तमंत्री का बयान राजनीतिक पतंगबाजी है।
जाने 8 प्रमुख बातें:
1. अरुण जेटली: “शुरू में ऐसा लगा कि वे खासकर जीएसटी के मामले में कार्यवाही बाधित करने के अपने रवैए में बदलाव करने पर विचार करेंगे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन हमें बताया गया कि वे इसे जारी रखेंगे।”
2. अरुण जेटली: “ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी सरकार और देश के लोगों दोनों पर गुस्सा निकाल रही है, जिन्होंने उसे सिर्फ 44 सीटें दी। विकास हमारी प्राथमिकता है और हम इसके लिए कोशिश करते रहेंगे।”
3. अरुण जेटली: “कांग्रेस के पास सिर्फ एक हथियार है कि संसद की कार्यवाही को बाधित करना। संख्या उनके विरुद्ध है।”
4. अरुण जेटली: “हम कोशिश जारी रखेंगे। कांग्रेस को छोड़कर शेष सभी पार्टियां विधेयक के पक्ष में है। कांग्रेस ने बहिर्गमन किया था। दूसरी पार्टियों ने नहीं किया था। स्थिति बदलने पर मंत्रिमंडल फिर से इस पर विचार करेगा।”
5. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला: “जेटली राजनीतिक पतंगबाजी कर रहे हैं और हम उन्हें सलाह देंगे कि वे वित्तमंत्री की भूमिका को अधिक गंभीरता से लें और साउथ ब्लॉक में अधिक समय दें, टेलीविजन स्टूडियो में कम।”
6. रणदीप सुरजेवाला: “हम वित्तमंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि विधेयक कांग्रेस ने तैयार किया था। आज भी कांग्रेस विधेयक के विरोध में नहीं है, बल्कि सिर्फ उस हिस्से के विरुद्ध है, जो इस विधेयक की आत्मा को मार रही है।”
7. रणदीप सुरजेवाला: “वह फिर से जीएसटी और विकास पर कब्जा करना चाह रहे हैं, जबकि उन्होंने सात साल तक जीएसटी का विरोध किया था।”
8. रणदीप सुरजेवाला: “बजाय भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री की तरफ से देश से माफी मांगने के वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था, विकास और समावेशीकरण पर कांग्रेस को पाठ पढ़ा रहे हैं।”
Sara Jhan News Desk