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दादरी घटना में आर एस एस का हाथ नहीं

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को उन रपटों को ‘झूठा’ और ‘निराधार’ बताया, जिनमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में गोमांस खाने के अफवाह में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या का उसने समर्थन किया है।

मुख्यधारा की मीडिया ने ‘पांचजन्य’ के उन अंशों को प्रमुखता से उठाया है, जिसमें संघ ने 28 सितंबर को गोमांस खाने के अफवाह में उत्तर प्रदेश के दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या को सही ठहराया गया है। आरएसएस ने हालांकि यह कहकर इससे खुद को अलग कर लिया कि पांचजन्य उसका मुखपत्र नहीं है।

संघ के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य की ओर जारी एक बयान में कहा गया, “इस तरह की रपटें कि आरएसएस ने दादरी घटना का समर्थन किया है, पूरी तरह झूठी एवं निराधार हैं।”

प्रवक्ता ने कहा, “आरएसएस ने कभी किसी हिंसक घटना का समर्थन नहीं किया है।”

वैद्य ने कहा, “आरएसएस ने दादरी हिंसा के बारे में स्पष्ट कहा है कि मामले की पूर्ण जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा दी जानी चाहिए।”

उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, “हिन्दी में पांचजन्य और अंग्रेजी में ‘ऑर्गेनाइजर’ संघ के मुखपत्र नहीं हैं। आरएसएस की ओर से सिर्फ एक आधिकारिक पदाधिकारी ही बोलता है।”

वैद्य का बयान पांचजन्य के उस लेख के अंशों को मुख्यधारा की मीडिया में प्रकाशित करने के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि इस्लामिक मदरसे और मुस्लिम नेता भारतीय मुसलमानों को देश की परंपरा से नफरत करना सिखाते हैं।

लेख में कहा गया है कि गोमांस खाने के अफवाह में भीड़ ने ग्रेटर नोएडा में जिस व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी, ‘संभव है कि उसने बुरे कर्म किए हों और .. के प्रभाव में आकर गोहत्या की हो।’

पांचजन्य ने ग्रेटर नोएडा में हुई हत्या को न्यूटन के सिद्धांत ‘किसी भी कार्य की स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है’ का हवाला देकर सही ठहराया।

 

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