राज्य

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बने एक दिन का शिक्षक

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह गुरुवार को स्कूली बच्चों के बीच एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर राज्य शासन द्वारा शुरू किए गए प्रदेशव्यापी शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय राजनांदगांव के हाईस्कूल में बच्चों की कक्षाएं लीं।

उन्होंने छठी, सातवीं और आठवीं कक्षाओं में बारी-बारी से पहुंचकर बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली, साथ ही उन्हें ज्ञानवर्धक बातें भी बताईं। मुख्यमंत्री को अपनी कक्षाओं में शिक्षक की भूमिका निभाते देख स्कूली बच्चों के साथ-साथ वहां के शिक्षकों में भी काफी कौतूहल देखा गया। 

आज ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम का जन्मदिन भी मनाया गया। मुख्यमंत्री ने बच्चों को महान विभूतियों के बताए रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। 

मुख्यमंत्री ने बच्चों से अंग्रेजी, विज्ञान, सामान्य ज्ञान एवं गणित के सवाल पूछे। उन्होंने कक्षा आठवीं के बच्चों से पूछा कि बड़े होकर क्या बनोगे?

छात्र ऋषि कुमार ने कहा कि वह बड़ा होकर पुलिस का सिपाही बनना चाहता है। छात्र आकाश निर्मलकर ने कहा कि वह सेना में भर्ती होना चाहता है। आठवीं कक्षा के कुछ बच्चों ने कहा कि वे बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहते हैं। यह सुनकर पेशे से चिकित्सक मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए बुनियादी जरूरतों के बारे में बताया। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से सवाल किए कि राजनांदगांव लोकसभा के सांसद, नगर निगम के महापौर एवं कलेक्टर कौन है? बच्चों ने सही-सही जवाब दिए। 

मुख्यमंत्री ने कक्षा आठवीं के बच्चों से उनके पसंदीदा खेल के बारे में सवाल किए। सभी बच्चों ने कहा कि उन्हें क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है। बुधवार को हुए भारत व दक्षिण अफ्रीका के बीच क्रिकेट मैच के बारे में पूछे गए सवालों का बच्चों ने फटाफट जवाब दिया। यह सब सुनकर मुख्यमंत्री मुस्कुराए। उन्होंने कहा, “जितनी गहराई से हम क्रिकेट में रुचि लेते हैं, उतना मन लगाकर अगर पाठ्यक्रम के विषयों का भी अध्ययन करें तो पढ़ाई हमें आसान लगेगी।” 

मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के जीवन के कुछ प्रसंग बच्चों को सुनाए। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम साहब रामेश्वरम में गरीब परिवार में जन्म लेकर विज्ञान के क्षेत्र एवं सार्वजनिक जीवन में शिखर पर पहुंचे। डॉ. कलाम बचपन में पढ़ाई के साथ साइकिल पर घूम-घूमकर अखबार बांटते थे। वे दीपक की रोशनी में पढ़ाई करते थे। सरकारी स्कूल में ही पढ़कर इंजीनियर, वैज्ञानिक एवं भारत के राष्ट्रपति बने। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक सोच एवं ²ढ़ इच्छाशक्ति का होना जरूरी है। कठिन परिश्रम, लगन एवं ²ढ़ इच्छाशक्ति के बल पर आप जीवन में सब कुछ हासिल कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने देश-विदेश एवं ज्ञान-विज्ञान की जानकारी के लिए बच्चों को पत्र-पत्रिकाएं पढ़ने और पुस्तकालय जाने की सलाह दी। 

इस दौरान सांसद अभिषेक सिंह, महापौर मधुसूदन यादव, छत्तीसगढ़ भंडार गृह निगम के अध्यक्ष नीलू शर्मा, कलेक्टर मुकेश बंसल, पुलिस अधीक्षक पी. सुंदरराज भी उपस्थित थे।

एकान्त प्रिय चौहान

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button