राज्य

रहस्यमय तरीके से लापता होने के बाद हार्दिक पटेल सामने आए

अहमदाबाद: रहस्यमय तरीके से कल लापता होने के बाद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आज सामने आए और दावा किया कि उन्हें अगवा कर लिया गया था। हार्दिक ऐसे समय में सामने आए जब कुछ ही घंटों पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने आधी रात के बाद मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को उनका पता लगाने का आदेश दिया था।

पुलिस की ओर से लापता बताए जाने के बाद मामले को और रहस्यमयी बनाते हुए हार्दिक ने दावा किया कि हथियारों से लैस कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें अगवा कर लिया था और उन्हें कथित तौर पर यह धमकी भी दी गई कि वह अपना आंदोलन बंद कर दें वरना उन्हें जान से मार दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन ने गुजरात की भाजपा सरकार को मुश्किल में डाल दिया है।

पटेल आंदोलन के नेताओं के अनुसार, हार्दिक ने उन्हें दोपहर के आसपास फोन किया और उनसे कहा कि वे उन्हें गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में धरांगधारा कस्बे से गुजरने वाले राजमार्ग से ले लें।

हार्दिक ने संवाददाताओं को बताया, कुछ लोगों ने बयाड़ :अरावली जिले में: के पास मेरी कार का पीछा किया…..इसके बाद कुछ लोगों ने मुझे उठा लिया…….इसके बाद मुझे पूरी रात कार में बिठाकर रखा गया।

उन्होंने कहा, मुझे धमकी दी गई कि या तो इस आंदोलन को छोड़ दो या मुझे खत्म कर दिया जाएगा। एक व्यक्ति ने मुझे यह कहते हुए धमकी दी कि यह पहली और आखिरी चेतावनी है और यदि मुझे किसी गांव में किसी रैली को संबोधित करते पाया गया तो मुझे खत्म कर दिया जाएगा।

हार्दिक ने कहा, पूरी रात मुझे धमकियां देने के बाद और बयाड़ से ले जाए जाने के बाद उस आदमी ने मुझे सुरेन्द्रनगर के धरांगधारा तालुका में एक गांव में छोड़ दिया।

उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कौन था, कोई पुलिसवाला था या कोई और….लेकिन उसके पास रिवॉल्वर थी।

उन्होंने कहा, मैं उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहता था और यह जानना चाहता था कि किसके कहने पर उसने मुझे पूरी रात अपने कब्जे में रखा।

इस बीच गांधीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक :आईजी: हसमुख पटेल ने कहा कि वे उनका पता नहीं लगा सके लेकिन यदि वह पाए जाते हैं तो उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

इससे पहले, दुर्लभ रूप से आधी रात के बाद हुई एक सुनवाई, जो तड़के 2:40 बजे तक चली, में गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह हार्दिक का पता लगाए।

न्यायालय ने यह निर्देश हार्दिक के एक सहयोगी की ओर से दाखिल की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने गैर-कानूनी तरीके से युवा नेता को हिरासत में रखा है।

AGENCY

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button