किसानों के लिए काम जीने का मकसद: नाना पाटेकर
मुंबई: प्रख्यात अभिनेता नाना पाटेकर का कहना है कि अपने संस्थान ‘नाम फाउंडेशन’ के जरिए महाराष्ट्र के अकाल पीड़ित किसानों के लिए काम करना उन्हें जीने का मकसद देता है।
‘नाम फाउंडेशन’ की स्थापना के पीछे पाटेकर और उनके साथी अभिनेता मकरंद अनस्पुरे हैं। दोनों ने इस वर्ष 113 अकाल पीड़ित परिवारों की मदद की थी।
ममता भट्ट की किताब ‘इटर्नल हीरो-राम’ के अनावरण के अवसर पर पाटेकर ने कहा, “हमें इससे जीने का मकसद मिला है। यह केवल कुछ लोगों की कोशिश का नतीजा नहीं है। यह तभी संभव है, जब सभी इसमें शामिल हों।”
किताब के अनावरण से जुड़ी हैप्पी लकी एंटरटेनमेंट कंपनी ने पाटेकर के संस्थान को दस लाख रुपये दिए। पाटेकर ने पूर्व में दावा किया था कि फाउंडेशन ने खाता खोलने के पहले दिन ही 80 लाख एकत्रित कर लिए।
पाटेकर ने कहा, “एक गांव से शुरू करके, हम जितने गांवों की संभव हो मदद करेंगे। लोग इसमें इतनी मदद कर रहे हैं कि हमें 400-500 करोड़ तक मिल जाएंगे। उस स्थिति में फिल्मों की संख्या कम हो जाएगी, लेकिन यह काम बढ़ जाएगा।”
पाटेकर ने कहा, “अपने भीतर के मनुष्य को जीवित रखने के लिए मुझे यह करना ही होगा। मैं यह उनके लिए नहीं कर रहा, हम सब के लिए कर रहा हूं। हम सब को मिलकर यह करना चाहिए।”
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