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फ्रांस की जस्टिन ट्रीएट की फिल्म ‘एनाटोमी आफ ए फॉल’ को कान में मिला ‘पाम डि ओर’

अजीत राय

सभी अनुमानों को गलत साबित करते हुए रूबेन ओसलुंड की अध्यक्षता वाली जूरी ने 76वें कान फिल्म समारोह में बेस्ट फीचर फिल्म का ‘पाम डि ओर’ पुरस्कार फ्रांस की महिला फिल्मकार जस्टिन ट्रीएट की फिल्म ‘एनाटोमी आफ ए फॉल’ को प्रदान किया। यह पुरस्कार उन्हें मशहूर अभिनेत्री जेन फोंडा ने दिया। यह एक मर्डर मिस्ट्री ड्रामा है, जिसका एकमात्र चश्मदीद गवाह मृतक का दस साल का अंधा लड़का है। सवाल यह है कि क्या मृतक ने आत्महत्या की या किसी ने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया। कान फिल्म समारोह का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ग्रैंड प्रिक्स ब्रिटिश फिल्मकार जोनाथन ग्लेजर की जर्मन फिल्म ‘द जोन आफ इंटरेस्ट’ को मिला। यह फिल्म द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलैंड के आउस्विट्ज शहर में हिटलर के कंसंट्रेशन कैंप के पास एक शहर के सबसे बड़े नाजी अफसर के पारिवारिक जीवन पर आधारित है, जो अपने मकान और बगीचे में एक सुखी जीवन व्यतीत करने का सपना देखते हैं।

बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार फ्रांस में रह रहे वियतनाम मूल के फिल्मकार ट्रांन अंह हूंग को उनकी फ्रेंच फिल्म ‘द पाट आउ फेऊ’ के लिए प्रदान किया गया। यह फिल्म एक अमीर मालकिन और उसके मशहूर शेफ के जटिल रिश्तों के बारे में है। जूरी प्राइज फिनलैंड के अकी कौरिस्माकी की फिल्म ‘फालेन लीव्स’ को दिया गया, जो हेलसिंकी के दो गरीब स्त्री और पुरुष मजदूर की अविस्मरणीय प्रेम कथा के बहाने आधुनिक पूंजीवादी सभ्यता का विद्रूप सामने लाती है।

बेस्ट स्क्रिप्ट का पुरस्कार जापान के कोरे ईडा हिरोकाजू की फिल्म ‘मोंस्टर’ के लिए साकामोटो यूजी को दिया गया। यह फिल्म आधुनिक जापान में परिवारों के बिखराव के बीच बड़े हो रहे बच्चों की कोमल दुनिया में ले जाती है। बेस्ट अभिनेत्री का पुरस्कार तुर्की के नूरी बिल्गे सेलान की फिल्म ‘ड्राई ग्रासेस’ में यादगार अभिनय के लिए मेर्वे डिज्डार को दिया गया। यह फिल्म तुर्की के अनातोलिया इलाके के एक पहाड़ी बर्फीले गांव के एक स्कूल में शिक्षको के जटिल रिश्तों के बारे में है।

बेस्ट अभिनेता का पुरस्कार जर्मन फिल्मकार विम वेंडर्स की जापानी फिल्म ‘परफेक्ट डेज’ में उम्दा अभिनय के लिए कोजी याकूशो को दिया गया। यह फिल्म जापान की राजधानी और दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले शहर आधुनिक टोकियो में टॉयलेट साफ करने वाले एक मजदूर की कहानी है, जो अपनी उबाऊ दिनचर्या से मुक्ति के लिए किताबों और संगीत के पास जाता है। उसका खुशहाल जीवन तब संकट में पड़ जाता है, जब उसका अतीत बार-बार उसके सामने आ खड़ा होता है। यह एक काव्यात्मक फिल्म है, जो हमारी दुनिया में सुंदरता की तलाश करती है।

कान फिल्म समारोह के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण खंड अनसर्टेन रिगार्ड में बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार ब्रिटेन के मौली मैंनिंग वाकर की फिल्म ‘हाऊ टु हैव सेक्स’ को दिया गया, जो इंग्लैंड में जवान हो रहीं लड़कियों की आंतरिक दुनिया की गहराई से पड़ताल करती है। यह निर्देशक की पहली फिल्म है। इसी तरह सूडान की पहली फिल्म ‘गुडबाय जूलिया’ के लिए मोहम्मद कोरदोफानी को फ्रीडम प्राइज दिया गया। सभी खंडों में पहली फिल्म बनाने वाले फिल्मकार को दिया जाने वाला पुरस्कार ‘कैमरा डि ओर’ वियतनाम के फाम थेन अन की दार्शनिक फिल्म ‘इनसाइड द येलो ककून शेल’ को दिया गया। बेस्ट डाक्यूमेंट्री का ईयर आफ द डाक्यूमेंट्री पुरस्कार ट्यूनीशिया की कौथर बेन हनिया की फिल्म ‘फोर डाटर्स’ को मिला।

(अजित राय कला, साहित्य, रंगकर्म लेखन के क्षेत्र में सुपरिचित नाम हैं और “सारा जहां” के लिए नियमित रूप से लिखते हैं)

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