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आरबीआई के फैसले से निवेश, विकास को बढ़ावा मिलेगा: जेटली

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की कटौती का स्वागत करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि इससे विकास में तेजी आएगी।  

मंत्री ने कॉरपोरेट सेक्टर को विदेशी बाजारों में रुपये मूल्य वाले बांड जारी करने की अनुमति देने का भी स्वागत किया, जिसे आम तौर पर ‘मसाला बांड’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इससे कंपनियों को अतिरिक्त कर्ज जुटाने का अवसर मिलेगा।

जेटली ने कटौती की घोषणा के तुरंत बाद कहा, “आज की दर कटौती से निवेश और विकास को बढ़ावा मिलेगा।”

मंत्री ने कहा, “अब हम इन कटौतियों को आगे ग्राहक तक पहुंचाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था और मनोबल में मजबूती आएगी।”

नीतिगत दरों में की गई ताजा कटौती के बाद रेपो दर 7.25 फीसदी से घटकर 6.75 फीसदी हो गई है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के लिए ऋण देता है।

इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 0.50 फीसदी घटकर 5.75 प्रतिशत हो गई है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है।

वित्तमंत्री ने कहा, “महंगाई दर कम करने में हासिल हुई सफलता को कायम रखने के लिए सरकार वित्तीय घाटा कम करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सोमवार को मुंबई में इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की सालाना आम बैठक को भी संबोधित करते हुए जेटली ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि मौजूदा कारोबारी साल में 3.9 फीसदी वित्तीय घाटा का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।

फरवरी में पेश बजट में जेटली ने वित्तीय घाटा को घटाकर तीन फीसदी पर लाने की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया था और कहा था कि घाटा करने की समय सीमा पर अड़े रहने से विकास की संसभावना पर बुरा असर होगा।

विस्तारित समय सीमा के मुताबिक अगले तीन साल का लक्ष्य इस प्रकार है : 2015-16 के लिए 3.9 फीसदी, 2016-17 के लिए 3.5 फीसदी और 2017-18 के लिए 3.0 फीसदी।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा के बाद कहा, “मध्य अवधि में वित्तीय घाटा कम करने का कार्यक्रम अपनी योजना के मुताबिक है, जो महंगाई नियंत्रण के लिए अच्छा है।”

रुपये मूल्य वाले बांड के बारे में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि बाजार में ऐसे बांडों की मांग है। साथ ही ये रुपये में होने वाली उतार-चढ़ाव से भी कंपनियों की रक्षा करेगा।

दास ने कहा, “यह पहला मौका है जब विदेशी पोर्टफोलिया निवेशक राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश कर पाएंगे। राज्य सरकारें लंबे समय से इसकी मांग कर रही थीं।” दास ने कहा कि इससे देश में 51 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है।

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