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गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य: शिवसेना

मुंबई: महाराष्ट्र में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के संगीत कार्यक्रम में खलल डालने की धमकी देने वाली शिवसेना ने इस मुद्दे पर चौतरफा आलोचना के बावजूद इसे ‘अपना राष्ट्रीय कर्तव्य’ करार दिया है और कहा कि पार्टी ने ऐसा कर ‘अपने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है।’

शिवसेना ने पार्टी के मुखपृष्ठ ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा, “यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। हमने ऐसा किया और अपने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। हमें लगता है कि शहीद सैनिकों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने या उनके लिए स्मारक बनवाने से बेहतर पाकिस्तानियों का विरोध करना है।”

उल्लेखनीय है कि गुलाम अली (75) को इस सप्ताह फिल्म नगरी मुंबई और पुणे में महान गायक जगजीत सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर लाइव प्रस्तुति देनी थी, लेकिन शिवसेना के इसमें खलल डालने की धमकी देने के बाद बुधवार को वहां इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को गुलाम अली को देश की राजधानी दिल्ली में संगीत कार्यक्रम करने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। गुलाम अली अब दिल्ली में दिसंबर में लाइव प्रस्तुति देंगे।

शिवसेना ने माना कि गुलाम अली एक महान गायक हैं, लेकिन वह पाकिस्तान के हैं और इसलिए ‘उनकी गजलें हमारे सैनिकों के खून से रंजित हैं और जो लोग ऐसे संगीत का आनंद उठाते हैं, उनमें साफ तौर पर देशप्रेम का अभाव है।’

संपादकीय में कहा गया है कि चंद दिन पहले ही जम्मू एवं कश्मीर में चार भारतीय जवान पाकिस्तानी आतंकवादियों का सामना करते हुए शहीद हो गए थे। पाकिस्तान 50 बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर चुका है। पिछले एक माह में 100 बार गोलीबारी कर चुका है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं, पाकिस्तान के एक मंत्री भारत पर परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं।

संपादकीय में कहा गया, “इन हालात में पाकिस्तानी गजल गायकों की मखमली आवाज का लुत्फ उठाने वाले शहीदों के परिवारों की सिसकियां और विलाप भी जरूर सुनें।”

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