आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने पूरे किए दो साल
नई दिल्ली: रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर के तौर पर आज दो साल पूरे कर लिए है। रघुराम गोविंद राजन ने 4 सितंबर, 2013 को RBI के 23वें गवर्नर बने थे और उस समय उनके सामने रुपए को संभालने, चालू खाते के ऊंचे घाटे से निपटने, आर्थिक वृद्धि में गिरावट थामने और रेटिंग एजेंसियों की धमकी से निपटने जैसी चुनौतियां थी।
RBI गवर्नर की कमान संभालने के बाद राजन ने वित्तीय क्षेत्र में कई बड़े बदलाव के वादे के साथ कई बड़ी घोषणाएं भी की और पिछले दो सालों में इन निर्णयों को लागू किया।
राजन खुदरा मुद्रास्फीति को जुलाई में 3.8 प्रतिशत पर लाने में सफल रहे जो सितंबर, 2013 में 9.8 प्रतिशत पर पहुंच गया था।
हालांकि, कुछ चीजें राजन के हाथ से निकलती दिखीं जिसमें चीन में संकट के बाद रूपया में तेज गिरावट और बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों का तेजी से बढऩा शामिल हैं।
हालांकि इन खामियों की तुलना में उनकी उपलब्धियां कहीं अधिक हैं।
राजन जब अपना कार्यकाल पूरा कर रहे होंगे तो रिजर्व बैंक के ज्यादातर अधिकारों व स्वायत्ता खोने देने के लिए उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उन्होंने प्रस्तावित मौद्रिक नीति समिति में गवर्नर का वीटो अधिकार नहीं रहने का सरकार का फार्मूला स्वीकार लिया है।
1965 के भारत-पाक युद्ध को यादगार बनाने के लिए RBI पांच रुपए का सिक्का जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह बाकायदा एक वैध मुद्रा होगी और इसके साथ इस मूल्य के मौजूदा सिक्के भी प्रचलन में रहेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नये सिक्के के एक पृष्ठ पर मध्य में अशोक स्तंभ के सिंह होंगे जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होगा।
सिक्के के दूसरे पहलू पर अमर जवान स्मारक की छवि होगी जिसके बांये और दांये किनारे पर जैतून पत्तियों की शाखा का डिजाइन होगा और जिसपर बांयी तरफ देवनागरी लिपि में वीरता और बलिदान तथा दांयी तरफ अंग्रेजी में वैलर एंड सैक्रिफाइस छपा होगा। स्मारक की छवि के नीचे वर्ष 2015 लिखा होगा।
बैंक ने कहा कि सिक्के पर निचले हिस्से में अंग्रेजी में दिखा होगा गोल्डन जुबली 1965 आपरेशन्स।
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